मुआवजा कम मिला तो किसान फांसी का फंदा लेकर पहुंचा कलेक्ट्रेट


दमोह: सीता नगर परियोजना को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है किसान इस तरह से परेशान हो गए हैं कि फांसी का फंदा लेकर साथ में घूमने लगे हैं दमोह कलेक्ट्रेट में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई जहां पर किसान फांसी का फंदा लेकर पहुंचा किसान का सरकार पर और सिस्टम पर खुला आरोप है कि जिस जमीन को असिंचित बता दिया सड़क गायब हो गई जो वृक्ष लगाए थे उनकी गिनती नहीं है मकान का कोई मुआवजा नहीं है जमीन का मुआवजा काफी कम है जिन्हें जमीन के मुआवजे के नए कानून के हिसाब से काफी बड़ी रकम मिलनी थी लेकिन उन्हें काफी कम रकम दी जा रही है यहां पर चहेतो को लाभ दिया जा रहा है किसान इसलिए भी परेशान है कि जिस जमीन को असिंचित बताकर ₹1lलाख47हाजर प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है इतने पैसे में किसान को आधा एकड़ जमीन भी क्षेत्र में नहीं मिल पाएगी क्षेत्र में जमीनों की कीमत आसमान छू रही है 8लाख रुपए से लेकर 10लाख रुपए एकड़ तक जमीन है लेकिन किसान का दुख दर्द भला कौन समझाए सीता नगर परियोजना का काम काफी तेजी से चल रहा है जब यह पूर्ण हो जाएगा तो किसानों की जमीन डूब जाएगी और किसान भी कर्ज के बोझ तले अपनी जीवन से परेशान हो जाएगा कुछ इस तरह की बातें किसानों के द्वारा स्पष्ट रूप से अधिकारियों से की गई उनके द्वारा अब तक 8 आवेदन दिए गए जिनकी तारीख उन्हें याद है लेकिन प्रशासनिक नुमाइंदों को याद नहीं है ।किसान है 4 दिनों तक याद रखेगा फिर शांत भी हो जाएगा क्योंकि किसान के अंदर काफी धैर्य होता है। इस बार उसकी जमीन जाने वाली है। तमाम नेताओं के चक्कर लगा चुका है किसान के पैर के जूते भी घिस चुके हैं। लेकिन किसी ने उसकी फरियाद पर ध्यान नहीं दिया एक बार पुन: कलेक्ट्रेट पहुंचे जमकर नारेबाजी की और कहां अब अगर नहीं दिया जाएगा मुआवजा तो हम जमीन नहीं देंगे भले ही फांसी का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर लेंगे काफी विरोध हुआ काफी नारेबाजी हुई किसानों ने अपनी पीड़ा प्रशासन के सामने व्यक्त की है प्रशासन को इस संबंध में कदम उठाना है ताकि अन्नदाता किसान परेशान ना हो और उचित मुआवजे के साथ दूसरे स्थान पर जाकर अपना जीवन यापन कर सकें अपने परिवार का भरण पोषण भी कर सके

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