साधारण बीमारी में एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक

विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत दमोह जिला अस्पताल में एमसीएच वार्ड के सभागार में आज एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया ।इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से बताया गया कि वर्तमान समय में लोग हर बीमारी के लिए एंटी बायोटेक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा इन दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है ।जिससे एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है ।खतरा यह है जो व्यक्ति साधारण सी बीमारी में हाई एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करते हैं। उनके शरीर में अन्य दवाओं का असर नहीं होता आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरे की घंटी है ।दवाओं का असर हर साल 10 प्रतिशत कम होता जा रहा है ।जिसके लिए लगातार कई तरह की रिसर्च की गई जिसमें यह स्पष्ट हुआ डॉक्टर बेवजह एंटीबायोटिक दवाएं लिख रहे हैं लोग अपनी मर्जी से मेडिकल स्टोर से भी एंटीबायोटिक दवा खरीद रहे हैं जिससे लोगों की रजिस्टेंस की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की गई ।लोगों में जागरूकता लाई जा रही है ।पूर्व में जिन दवाओं का उपयोग होता था ।एक बार पुन: उन्हीं की ओर डॉक्टरों को बढ़ने की सलाह दी जा रही है ।ताकि व्यक्ति के बीमार समय पर उनका उपचार होने के साथ में आराम भी लग सके ।हम आपको बता दें भारत एक ऐसा देश है जिसमें लगभग 40 से 45% से अधिक लोग बीमार होने पर बिना डॉक्टर से परामर्श लिए मेडिकल स्टोर से सीधी दवा खरीद लेते हैं जब वह ठीक नहीं होते तब डॉक्टर के पास जाते हैं ।अभी आधी अधूरी जानकारी देते हैं ।तो कभी उनकी बात पर विश्वास नहीं करता। क्योंकि उनके पास कोई लिखित दवा खाने का प्रमाण नहीं होता कई बार यही कारण बड़ी बीमारी की वजह बन जाता है ऐसे में आम जनमानस में जागरूकता लाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई ।एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल कम करें ।ताकि आने वाली पीढ़ी को परेशानी ना हो , क्योंकि इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रेस कॉन्फ्रेंस में दमोह जिला अस्पताल की सिविल सर्जन ममता तिमोरी, डॉ दिवाकर पटेल ,डॉक्टर पहलाद पटेल ,डॉक्टर सचिन मलैया, डॉ विशाल शुक्ला मौजूद रहे। दांतो के द्वारा सलाह दी गई सर्दी खांसी होने पर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ना करें यह खतरनाक भी हो सकता है डायरिया जैसी बीमारी में भी एंटीबायोटिक दवाएं दी जाने लगी है जिससे भी लोगों को नुकसान हो सकता है

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