एक अरब 43 करोड़ खर्च फिर भी बिजली और पानी के लिए जनता का त्राहिमाम, नगर पालिका मुर्दाबाद के लगे नारे


दमोह: दमोह नगर पालिका के द्वारा न्यू दमोह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बसाया गया था। यहां रहने वाले परिवारों को सुविधाएं देने की बात भी कही गई थी, प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इस काम के लिए एक बड़ा राशि भी जारी किया था, सबसे पहले आवास बना दिए गए, लेकिन बिजली और पानी की व्यवस्था अब तक नहीं हुई, इस वजह से आज यहां रहने वाले गरीब परिवारों के द्वारा सड़क पर आकर हंगामा किया गया। कांग्रेस के नेता भी शामिल रहे, आधे घंटे तक जाम जैसी स्थिति रही, नगर पालिका मुर्दाबाद के नारे लगे,इस बात की जानकारी अधिकारी मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया गया है।पानी पहुंच जाएगा। दमोह कलेक्टर ने 1 वर्ष पहले 7 दिन का वादा किया था पानी पहुंचाने का 1 साल में पानी नहीं पहुंचा ।अधिकारियों ने वादा किया है। कि पानी पहुंचेगा कितने दिनों में पहुंचेगा इस बात पर जनता को भरोसा नहीं है।जनता काफी उग्र है। इसके अलावा यहां पर टचिंग ग्राउंड है। जिसके चलते लोगों का सांस लेना दूभर है।बार-बार अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया लेकिन कुछ भी नहीं हुआ ,खास बात यह है।कि जब पानी और बिजली की व्यवस्था नहीं थी तो आवास बनाकर क्यों दिया गया ?और अगर सब कुछ योजना में शामिल था तो प्रमुख पानी और बिजली की समस्या हल करने काम क्यों नहीं किया गया? सूत्रों की माने इसी योजना को लेकर दमोह नगर पालिका को कर्जदार बना दिया गया , इस योजना के पेमेंट के लिए के नगर पालिका ने कर्ज लिया, लगभग 65 करोड रुपए की राशि कर्ज के रूप में ली जिसकी प्रतिमाह लगभग 90लाख की किस्त दमोह नगर पालिका की राशि से कटके इस इस कर्ज कुछ खाने के लिए किस्त के रूप में जमा होती हैं। जिससे ना तो शहर का विकास हो पा रहा है।और ना ही कर्मचारियों को पूरा वेतन मिल पा रहा है।खास बात यह भी है कि जब बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं थी तो प्रोजेक्ट कैसे स्वीकृत हो गया पेमेंट क्यों निकाला जाता है। काफी बड़े सवाल है।जवाब जो अधिकारियों के पास नहीं है।ऊपर से नीचे तक इस योजना में गड़बड़झाला नजर आता है। इस योजना को देख रहे इंजीनियर सुशील अग्रवाल अंकुर रायजादा को बीच में क्यों बदल दिया गया । अब नये इंजीनियरों को काम क्यों दिया जा रहा है ।देखने लायक होगा गरीब परिवार जिनके सपनों का आशियाना है ।उसमें कब तक बिजली पहुंचती है और कब तक इनके घरों तक पानी।

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