चोरी गई रजिस्ट्री के आधार पर मकान पर लोन लेने वाले को 7 साल की कैद
इंदौर. चोरी गई रजिस्ट्री के आधार पर बैंक लोन लेकर धोखाधड़ी करने के आरोपी को दोषी पाते हुए कोर्ट ने संजय खादीवाला को सात वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। संजय के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े और भी केस चल रहे हैं। कृषि विहार कॉलोनी में रहने वाले संजय पर आरोप था कि उन्होंने एक ऐसे मकान की रजिस्ट्री से बैंक लोन लिया, जो उनका था ही नहीं। गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने मंगलवार को सात साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने अलग-अलग धाराओं में 55 हजार रुपए का अर्थदंड भी किया है। लोक अभियोजक अविसारिका जैन के मुताबिक 2010 में फरियादी ने एसपी के समक्ष आवेदन दिया था कि उसकी मालिकी के मकान नंबर 78 जानकी नगर एक्सटेंशन इंदौर में किरायेदार रहते हैं और यह मकान उसे उसकी मौसी शांतिबाई से वसीयत में मिला है। 17 जुलाई 1995 को मकान में चोरी हुई थी, जिसकी रिपोर्ट उनके परिचित भंवरकुआं थाने पर दर्ज कराई थी। चोर मकान की रजिस्ट्री व अन्य सामान ले गए थे। शिकायत करने से कुछ दिन पहले उन्हें पंजाब नेशनल बैंक ने फोन पर बताया कि उक्त मकान पर संजय खादीवाला ने लोन लिया है, उसकी राशि जमा कराओ अन्यथा मकान कुर्क कर नीलाम किया जाएगा। जांच के बाद पुलिस ने धारा 420, 467, 468 व 471 और 120-बी में केस दर्ज कर चालान पेश किया गया था। करीब 12 साल बाद सजा सुनाई गई है।