REET पर बढ़ता बवाल, कैसे हल होगा यह सवाल ?


भाजपा अड़ी सीबीआई जांच पर, सरकार एसओजी के सहारे

  राजस्थान में रीट परीक्षा का पर्चा लीक मामला पिछले कई दिनों से खासा गर्म व चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस पर राज्य सरकार को विधानसभा के भीतर व बाहर चौतरफा हमलों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में राजस्थान सरकार ने रीट लेवल-टू की परीक्षा को तो रद्द कर दिया है। परन्तु रीट पेपर लीक पर बवाल आज भी बराबर बना हुआ है । राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर कई तरह के सवाल खडे कर रखे हैं। और पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है । जिसको लेकर विपक्ष विधानसभा से लेकर सड़क तक प्रदर्शन कर रहा है । इसके अलावा बेराजगार युवा भी सड़कों पर अपना विरोध दर्ज करवा रहे है ।

  हाल ही में राजस्थान में शिक्षक भर्ती को लेकर हुए रीट एक्जाम में पेपर लीक मामले में कई व्यक्तियों के प्राथमिक तौर पर दोषी होने के बाद इसकी आंच अब सरकार तक पहुंचती नजर आ रही है । वहीं एसओजी अब तक बाड़मेर, जालौर सहित स्थानों पर अपनी कड़ी कार्यवाही कर इस पेपर लीक से जुड़े बत्तीलाल, भजनलाल विश्नोई, रामलखन जाट, अमृतलाल सहित अब तक 33  अभियुकतों को गिरफ्तार भी कर चुकी है । साथ ही प्रारम्भिक जांच में रीट पेपर को लेकर करोड़ों रूपये के लेन-देन का भी खुलासा होता जा रहा है । राजस्थान विधानसभा में पिछले दिनों से इस मामले की काफी गूंज है। प्रतिपक्ष लगातार इस मामले पर अड़ा हुआ है । रीट पर बढ़ते बवाल के चलते विधानसभा में गतिरोध बरकरार है । राज्य के मुखिया श्री अशोक गहलोत ने साफ-साफ कह दिया है कि रीट पीक्षा पेपर लीक के दोषियों को बख्शा नही जायेगा, एसओजी अपना कार्य कर रही है तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक की समस्या को जड़-मूल से समाप्त करने को लेकर सरकार सख्त से सख्त कानून लायेगी । वहीं विपक्ष इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने पर अड़ा हुई है ।

  यह मात्र रीट परीक्षा के पेपर का लीक होने मात्र का सवाल नही बल्कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर भी खबरें प्रकाश में आती रही है । अब यह समय आ गया है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बन्द होना चाहिए और पारदर्शी व्यवस्था से सुरक्षित परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए । साथ ही इस प्रकार के पेपर लीक मामलों से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों एवं इसमें शामिल अन्य दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए । जिससे प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएं और अपराधियों के हौंसले पस्त हो अन्यथा अपराधियों को शह मिलेगी और वे इस प्रकार की अपराधी गतिविधियों को अपने आकाओं के ईशारों व सहयोग से करते रहेंगें । अब यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वे राजस्थान के युवाओं के साथ न्याय करे तथा दोषियों को दण्डित करे, दोषी चाहे कितना ही बड़ा अधिकारी हो या सरकार को कोई नुमाईन्दा हो ।

मुकेश बोहरा अमन
साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता
बाड़मेर राजस्थान



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