बड़े बाबा-छोटे बाबा के जयकारों से गूंजा कुंडलपुर


  • नौ मुनियों, 58 आर्यिकाओं का दीक्षा दिवस मनाया गया
  • सौधर्म इन्द्र का सिंहासन कंपायमान हुआ
  • कुबेर ने की अयोध्या नगरी की रचना

कुंडलपुर (दमोह)। जैन तीर्थ कुंडलपुर में आज 16 फरवरी पंचकल्याणक महोत्सव में भगवान के गर्भ में आने के संकेत मिलते ही सौधर्म इन्द्र का सिंहासन कंपायमान हुआ। कुबेर ने अयोध्या नगरी की रचना की। भगवान के गर्भ कल्याणक के पूर्व रूप की प्रक्रिया हुई। इस अवसर पर आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि मनुष्य योनि में ही आत्म कल्याण का अधिकार है। कुंडलपुर में आज आचार्यश्री के शिष्य मुनिश्री अभयसागर जी महाराज सहित नौ मुनियों और 58 आर्यिका माताओं का दीक्षा मनाया गया। सभी मुनि आर्यिकाओं ने आचार्यश्री की तीन परिक्रमा कर आशीर्वाद लिया।*जय जयकारों से गूंजा कुंडलपुर*महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को कुंडलपुर में 40 हजार से अधिक लोग पहुंचे। कुंडलपुर पहाड़ पर स्थित बड़े बाबा का मंदिर भक्तों के लिये खोल दिया गया। हजारों की तादाद में लोगों ने मंदिर पहुंच कर बड़े बाबा के दर्शन किये। पूरा कुंडलपुर तीर्थ बड़े बाबा, छोटे बाबा के जयकारों से गूंज रहा था।*गर्भ कल्याणक की पूर्व क्रिया*पंचकल्याणक महोत्सव में आज गर्भ कल्याणक की पूर्व क्रिया शुरू हुई। प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने सुबह पात्र शुध्दि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजन कराई। भगवान के गर्भ कल्याणक से पहले विशाल पांडाल के मंच पर सौधर्म इन्द्र का दरबार सजाया गया। अचानक सौधर्म का सिंहासन कंपायमान हुआ। सौधर्म इन्द्र ने अपने दिव्य ज्ञान से बताया लगाया कि तीर्थंकर आदिनाथ भगवान महाराजा नाभिराय की पत्नि महारानी मरूदेवी के गर्भ में आने वाले हैं। सौधर्म इन्द्र ने भगवान का साष्टांग प्रणाम किया और कुबेर को बुलाकर अयोध्या नगरी की रचना करने व छह महिने तक रत्नों की बरसा करने का आदेश दिया। 

24 सौधर्म इन्द्र, 24 कुबेर और 24 माता पिता

देश में पहली बार किसी पंचकल्याणक में 24 सौधर्म इन्द्र, 24 कुबेर और 24 भगवान के माता पिता बनाये गये हैं। समारोह स्थल पर 24 प्रसूति गृह बनाये गये हैं। आज माता मरूदेवी को 16 सपने दिखाई दिये। गर्भ कल्याणक का उत्तर रूप कल होगा। जिसमें महाराजा नाभिराय का दरबार सजाया जाएगा। महारानी मरूदेवी 16 सपनों को फल पूछेंगी। भगवान के गर्भ में आने का समाचार मिलते ही कुबेर पूरे पांडाल में रत्नों की बरसा करेंगे।

रोहित और रौली ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत, बने माता पिता

कुंडलपुर में सबसे ज्यादा चर्चा जबलपुर के व्यवसायी रोहित और उनकी पत्नि रौली की है। लगभग 40 साल के रोहित दम्पत्ति ने इतनी कम उम्र में अजीव ब्रह्मचर्य व्रत लेकर भगवान के माता पिता बनने का निर्णय लिया है। रोहित और रौली आचार्यश्री के भक्त हैं और कम उम्र में ही उन्हें भगवान के माता पिता बनने का सौभाग्य मिल गया है।



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