राजस्थान में नंबर गेम की राजनीति
पायलट खेमे का दावा हमारे पास 30 विधायक, फ्लोर टेस्ट की मांग
गहलोत समर्थक बोले-सरकार के पास बहुमत, दिखा भी दिया
जयपुर । राजस्थान का सियासी संकट हर पल नित नए रंग दिखा रहा है। जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार बचाने का दावा पेश कर रहे हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के एक करीबी विधायक ने दावा किया है कि हमारे साथ 30 विधायक हैं। खास बात यह है कि पायलट के करीबी और चुरू से विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने 30 विधायकों के साथ होने की बात के साथ ही फ्लोर टेस्ट की मांग भी रख दी है। विधायक दीपेंद्र सिंह ने सचिन पायलट की नाराजगी की वजह बताते हुए कहा कि वे पार्टी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि पिछले 1.5 साल से राजस्थान में कोई काम नहीं हुआ है। हमारे क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। एक इंच सड़क तक नहीं बन सकी है। पानी की व्यवस्था भी नहीं हुई है। हालांकि दीपेन्द्र सिंह ने यह साफ किया है कि फिलहाल सचिन खेमे के विधायक और खुद सचिन पायलट ने बीजेपी में जाना और नई पार्टी के निर्माण के बारे में कोई विचार नहीं बनाया है।
गहलोत के पास 84 विधायक
गहलोत-पायलट के मनमुटाव ने एक बात को साफ कर दी है कि सरकार को बचाने का दावा पेश करने के बाद भी सरकार अभी भी मुश्किलों में ही है। पायलट गुट का दावा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास कांग्रेस के महज 84 विधायक हैं बाकी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। लिहाजा फ्लोर टेस्ट भी करवाया जा सकता है। बता दें कि राजस्थान में सियासी संकट सामने आने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस की ओर से व्हिप जारी कर विधायकों को सीएमआर बुलाया गया था, जिसके बाद 104 विधायक जयपुर पहुंचे। गहलोत ने कुल 107 विधायकों ने समर्थन पत्र प्राप्त किया और इसके बाद कांग्रेस की ओर से यह दावा पेश किया गया कि सरकार सुरक्षित है।