सेहत के लिए पीली ही नहीं, काली हल्दी भी है फायदेमंद, एक्सपर्ट से जानिए कैसे
न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी (Nutritionist Divya Gandhi) ने न्यूज 18 से बात करते हुए काली हल्दी के गुणों के बारे में बताया. उनके अनुसार, ‘हल्दी वैसे तो इम्यूनिटी बढ़ाने के बेहतरीन सोर्सेज में से है. लेकिन काली हल्दी के फायदे कुछ अलग है. हल्दी का जितना ज्यादा गहरा रंग होता है, बॉडी को उसके उतने ज्यादा फायदे होते हैं. अगर हम एंटी इफ्लेमेटरी गुणों की बात करें, तो वो हमारी पीली हल्दी भी होते है, लेकिन काली हल्दी में उससे ज्यादा हील (घाव-चोट-र्दद-बीमारी को ठीक करने) करने की पावर होती है, इसमें करक्यूमिन (curcumin) की मात्रा पीली हल्दी की तुलना में ज्यादा होती है.
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कैंसर के इलाज में होती है इस्तेमाल
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, “काली हल्दी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है. अगर हम इसे काली मिर्च के साथ लेते हैं, तो इसकी अब्जॉर्ब्शन बेहतर होती है और ये कैंसर के इलाज में भी काम आती है. कैंसर के इलाज के समय कहा जाता कि अगर काली हल्दी अपनी डाइट में डेली शामिल करें, ये हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है. पीली हल्दी की तुलना में काली हल्दी शेल्फ लाइफ कम होती है और 3-4 महीने में एक्सपायर हो जाती है. इसी वजह से पीली हल्दी की तुलना में महंगी होती है.”
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काली हल्दी के कई अन्य फायदे
– काली हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसकी वजह से ये शरीर में होने वाली किसी भी सूजन को ठीक करने में कारगर होती है. काली हल्दी इंफेक्शन से बचाने में बहुत सहायक होती है.
– जिन लोगों को माइग्रेन का दर्द रहता है या गैस्ट्रिक की शिकायत रहती है, उन्हें काली हल्दी का पाउडर मिलाकर पीने से काफी राहत मिलती है. अगर काली हल्दी के पेस्ट को माथे पर लगाने से माइग्रेन के दर्द में काफी राहत मिलती है.
– काली हल्दी आपके डाइटेशन सिस्टम को भी दुरुस्त रखने में काफी फायदेमंद है. कब्ज, दस्त या पेट में ऐंठन दूर करने के लिए इसका सेवन काफी प्रभावी है.
– ब्लीडिंग को रोकने के लिए काली हल्दी का लेप लगाना काफी कारगर माना जाता है. किसी घाव या मोच में लेप की तरह लगाया जाता है.
– काली हल्दी जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है. इसकी जड़ को गठिया, अस्थमा, मिर्गी जैसे रोगों में उपयोग किया जाता है.
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 05, 2022, 13:02 IST