दमोह शहर बैठा बारूद के ढेर पर, प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों की क्या मिलीभगत?
दमोह: दमोह शहर में एनजीटी एवं दमोह जिलाधीश कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है ऐसा नहीं के अधिकारियों को चाहे वह जिला प्रशासन के हो या पुलिस प्रशासन के जानकारी ना हो लगातार मीडिया की सुर्खियों में यह आदेश बना हुआ था शहर में पटाखों की बिक्री केवल तहसील ग्राउंड दमोह से होगी पटाखों का संचालन रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक होगा लेकिन जिस तरह से बाजारों में थोक व्यापारियों के द्वारा खुलेआम पटाखे बेचे जा रहे हैं उससे स्पष्ट हो जाता है कि बिना प्रशासन के अधिकारियों के संरक्षण के कोई भी व्यापारी रिस्क नहीं ले सकता कचौरा मार्केट में जहां थोक विक्रेता पटाखा बेच रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर ठेले पर भी पटाखे बेचे जा रहे हैं इतना ही नहीं बाराद्वारी के समीप पटाखे की दुकान पर ग्राहक पटाखे खरीद रहे हैं और लगातार विक्री जारी है जिले के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी भी है लेकिन सब एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है खास बात यह है बड़े-बड़े गोदाम बीच बाजार है जिसके बाद कई तरह की घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है पटाखों को लेकर जो व्यापारी दमोह के तहसील गांव पर दुकान लगाते हैं मैं हमेशा ही घाटे में रहते हैं जो कि बीच शहर में पटाखा मिलने के बाद लोग तहसील ग्राउंड जाना पसंद नहीं करते ऐसे में सबसे अधिक परेशानी उन दुकानदारों को है यहां दुकान लगाने का पैसा देते हैं और बावजूद उसके उन्हें कोई विशेष फायदा नहीं होता प्रशासन का साथ देने वाले पटाखे व्यवसाई परेशान होते हैं जबकि शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाले खुलेआम पटाखों की बिक्री करते हैं
दमोह कलेक्टर तरुण राठी को जब इस संबंध में जानकारी दी गई तो उनका कहना है कि वह निश्चित रूप से कार्रवाई कराएंगे नियमों के विरुद्ध दुकानों का संचालन नहीं होगा

दमोह पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान को जब जानकारी दी गई उनका कहना है कि पुलिस कार्यवाही करेगी
नगर कोतवाली टीआई एचआर पांडे का कहना है जानकारी दी गई है कार्यवाही की जाएगी